उत्तर प्रदेश का स्वाभिमान यात्रा: हमारा गौरव, हमारा हक, हमारा भविष्य

लखनऊ, 25 सितंबर 2025 – उत्तर प्रदेश, भारत का हृदय स्थल, वह भूमि जहां गंगा की पवित्र धारा बहती है, जहां ताजमहल की चमक दुनिया को मोहित करती है, और जहां राम का जन्मभूमि और कृष्ण की लीला स्थली हर दिल को छू जाती है। यह राज्य न केवल सांस्कृतिक धरोहर का खजाना है, बल्कि कृषि, उद्योग और मानव संसाधन का विशाल भंडार भी है। यहां के योद्धा, किसान, कारीगर और युवा – सभी ने मिलकर भारत को मजबूत बनाया है। लेकिन आज, जब हम 'स्वाभिमान यात्रा' की बात करते हैं, तो यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक संकल्प है – उत्तर प्रदेश के स्वाभिमान को बचाने का, उसके युवाओं को रोजगार दिलाने का, और बाहरी हस्तक्षेप से मुक्ति पाने का।

उत्तर प्रदेश की महानता: एक अनमोल विरासत

उत्तर प्रदेश की महानता की कोई सीमा नहीं। यह वह राज्य है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई – मंगल पांडे से लेकर चंद्रशेखर आजाद तक, यहां के वीरों ने अंग्रेजों को ललकारा। आज भी, यह भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जो 80 से अधिक लोकसभा सीटों के साथ राजनीतिक रूप से शक्तिशाली है।

यहां की मिट्टी इतनी उपजाऊ है कि यह देश का अन्न भंडार है – गेहूं, चावल, गन्ना, सब कुछ यहीं से आता है। प्रयागराज का कुंभ मेला, वाराणसी की घाटियां, आगरा का ताज – ये सब विश्व पटल पर उत्तर प्रदेश का परचम लहराते हैं।

लेकिन इस महानता के बीच एक कड़वी सच्चाई छिपी है: बाहरी राज्यों के लोगों की बाढ़ ने हमारे युवाओं का भविष्य दांव पर लगा दिया है।

बाहरी लोगों की वजह से युवाओं का रोजगार समाप्त: एक दर्दनाक हकीकत

कल्पना कीजिए, एक ऐसा राज्य जहां हर गली-नुक्कड़ पर उत्तर प्रदेश के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं, जबकि कारखानों, निर्माण स्थलों और दुकानों पर दूसरे राज्यों के लोग कब्जा जमाए हुए हैं। बिहार, झारखंड, राजस्थान और यहां तक कि दक्षिण भारत से आने वाले मजदूरों ने सस्ते श्रम के नाम पर स्थानीय रोजगार छीन लिया है। उत्तर प्रदेश के इंजीनियर, डिप्लोमा धारक और कुशल कारीगर बेरोजगार हैं, क्योंकि कंपनियां सस्ते मजदूरों को प्राथमिकता दे रही हैं। यह केवल आंकड़ों की बात नहीं – यह लाखों परिवारों का दर्द है। राष्ट्रीय सैंपल सर्वे के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 7% से ऊपर है, और इसका बड़ा कारण बाहरी प्रवास है। स्वाभिमान यात्रा इसी अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही है –

हमारा हक, हमारा रोजगार, किसी और को नहीं देंगे!

दूसरे राज्यों में उत्तर प्रदेशियों का अपमान: अब बर्दाश्त नहीं होगा

यह दुख केवल घर तक सीमित नहीं। जब उत्तर प्रदेश के लोग दूसरे राज्यों में जाकर मेहनत करते हैं, तो उन्हें अपमान का सामना करना पड़ता है। मुंबई की चाय की दुकानों पर, दिल्ली की निर्माण साइटों पर, या गुजरात के कारखानों में – 'भैंस' या 'गंवार' जैसे शब्दों से उनका तिरस्कार होता है। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर हमले, गुजरात में 'गुजराती पहले' की नीति ।

ये सब उदाहरण हैं कि कैसे हमारी मेहनत को लूटा जाता है। लेकिन अब समय आ गया है कि यह अपमान बर्दाश्त न किया जाए। स्वाभिमान यात्रा का संदेश साफ है: उत्तर प्रदेश का स्वाभिमान किसी की जेब में नहीं बिकेगा। हम एकजुट होकर कहेंगे ।

हमारा सम्मान, हमारा अधिकार!

उत्तराखंड और असम के लोगों की बढ़ती आबादी: चिंता का विषय उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर भी खतरा मंडरा रहा है। पड़ोसी उत्तराखंड से लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो स्थानीय संसाधनों पर बोझ डाल रही है। जल, भूमि और रोजगार – सब कुछ सीमित है, और बाहरी आबादी इसे और जटिल बना रही है। इसी तरह, असम से सफाई कर्मियों के रूप में आने वाले लोगों की स्थिति अत्यंत दुखद है। एक ऐसा राज्य, जो कभी चाय बागानों का राजा था, उसके लोग यहां झाड़ू लगाने को मजबूर क्यों हों? यह न केवल उनकी गरिमा का अपमान है, बल्कि उत्तर प्रदेश की छवि को भी धूमिल करता है। स्वाभिमान यात्रा इन मुद्दों पर गंभीरता से विचार कर रही है ।

हम प्रवास को नियंत्रित करेंगे, ताकि स्थानीय लोग सुरक्षित रहें।

आदर्श संग्राम पार्टी: स्वर्णिम विकास का संकल्प

इन सभी चुनौतियों के बीच उम्मीद की किरण है ।

आदर्श संग्राम पार्टी। यह पार्टी न केवल इन अन्यायों को रोकने का वादा करती है, बल्कि उत्तर प्रदेश और उसके युवाओं का स्वर्णिम विकास भी सुनिश्चित करेगी। पार्टी की योजना में शामिल हैं:

स्थानीय रोजगार आरक्षण: 80% नौकरियां उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए।

प्रवास नियंत्रण कानून: बाहरी लोगों पर सख्त पाबंदी, ताकि संसाधन स्थानीय रहें।

युवा सशक्तिकरण: स्किल डेवलपमेंट सेंटर, स्टार्टअप फंड और उद्योग स्थापना।

सम्मान अभियान: दूसरे राज्यों में उत्तर प्रदेशियों के अधिकारों की रक्षा के लिए केंद्रीय इकाई।

आदर्श संग्राम पार्टी का मानना है कि उत्तर प्रदेश का स्वाभिमान यात्रा केवल एक मार्च नहीं, बल्कि एक क्रांति है। यह यात्रा हर जिले से गुजरेगी, हर गांव तक पहुंचेगी, और युवाओं को एकजुट करेगी। आइए, हम सब मिलकर कहें – उत्तर प्रदेश महान है, और रहेगा! जय हिंद, जय उत्तर प्रदेश!

(लेखक: स्वाभिमान यात्रा अभियान समिति। यह लेख जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है।)