कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए निस्वार्थ संघर्षरत "आदर्श संग्राम पार्टी"

इंदर जी लाबरू: कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए निस्वार्थ संघर्षरत "आदर्श संग्राम पार्टी" के प्रदेश अध्यक्ष

जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में कई चेहरे ऐसे हैं जो शोहरत और सत्ता के पीछे भागने की बजाय, समाज सेवा और न्याय की लड़ाई को प्राथमिकता देते हैं। इन्हीं में से एक प्रमुख नाम है इंदर जी लाबरू का, जो पिछले पांच वर्षों से आदर्श संग्राम पार्टी (एएसपी) के जम्मू-कश्मीर प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष के रूप में लगातार सेवा कार्यों में जुटे हुए हैं। कश्मीरी पंडित समुदाय के विस्थापन और अन्याय के खिलाफ उनकी निरंतर लड़ाई न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए एक मिसाल भी कायम करती है।

आदर्श संग्राम पार्टी: मध्यम वर्ग की आवाज

आदर्श संग्राम पार्टी एक ऐसी राजनीतिक संगठन है जो मुख्य रूप से शोषित मध्यम वर्ग, कृषि वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की रक्षा के लिए कार्यरत है। पार्टी का गठन गौतम भारती द्वारा किया गया था, जो इसके संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पार्टी का फोकस मिडिल क्लास विजय अभियान पर है, जिसमें आर्थिक न्याय, सामाजिक समानता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन जैसे मुद्दों पर जोर दिया जाता है। जम्मू-कश्मीर में एएसपी की प्रदेश कमेटी के नेतृत्व में इंदर जी लाबरू ने पार्टी को निस्वार्थ भाव से आगे बढ़ाया है।

पिछले पांच सालों में लाबरू जी ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की सेवा की है। चाहे वह शिक्षा, स्वास्थ्य या रोजगार के अवसर प्रदान करने का काम हो, या फिर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत कार्य, उन्होंने हमेशा आगे रहकर योगदान दिया है। लेकिन उनका सबसे प्रमुख संघर्ष रहा है कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए। 1990 के दशक में हुए विस्थापन के बाद से कश्मीरी पंडित समुदाय को जो पीड़ा झेलनी पड़ी है, उसके समाधान के लिए वे सरकार से निरंतर संघर्ष कर रहे हैं।

कश्मीरी पंडितों के लिए अथक प्रयास

कश्मीरी पंडितों की समस्या जम्मू-कश्मीर के इतिहास का एक दर्दनाक अध्याय है। घाटी से विस्थापित हुए हजारों परिवारों की संपत्तियों पर अवैध कब्जे, पुनर्वास की कमी और सुरक्षा के अभाव ने इस समुदाय को लंबे समय से परेशान किया है। इंदर जी लाबरू ने इस मुद्दे को उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। 2023 में, जब भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के विस्थापित निवासियों के लिए सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव रखा, तो एएसपी ने इसका समर्थन किया। लेकिन पार्टी ने साथ ही लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा से अपील की कि कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों की भूमि और संपत्तियों पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए।

लाबरू जी ने कहा था, "लेफ्टिनेंट गवर्नर सिन्हा ने दो साल पहले कश्मीरी हिंदुओं की संपत्तियों पर अवैध कब्जे हटाने का वादा किया था, लेकिन अब तक अल्पसंख्यक समुदाय की शिकायतों का समाधान नहीं हुआ है।" यह बयान न केवल सरकार की उदासीनता को उजागर करता है, बल्कि लाबरू जी के दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है। उन्होंने विभिन्न मंचों पर, जिसमें प्रेस कॉन्फ्रेंस, धरना और याचिकाएं शामिल हैं, इस मुद्दे को बार-बार उठाया है। कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास, उनकी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और आर्थिक सहायता के लिए वे केंद्र और राज्य सरकारों से लगातार मांग करते रहे हैं।

पिछले पांच वर्षों में उनके नेतृत्व में एएसपी ने जम्मू-कश्मीर में कई जागरूकता अभियान चलाए हैं। इनमें कश्मीरी पंडितों के लिए विशेष सम्मेलन, कानूनी सहायता कैंप और सामुदायिक विकास कार्यक्रम शामिल हैं। लाबरू जी का मानना है कि सच्ची सेवा सत्ता प्राप्ति के लिए नहीं, बल्कि लोगों के कल्याण के लिए होनी चाहिए। उनकी निस्वार्थ भावना ने पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत किया है, और आज एएसपी जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय की एक विश्वसनीय आवाज बन चुकी है।

चुनौतियां और भविष्य की दिशा

जम्मू-कश्मीर का राजनीतिक माहौल हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है, खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद। ऐसे में इंदर जी लाबरू जैसे कार्यकर्ताओं के लिए संघर्ष और कठिन हो जाता है। फिर भी, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनके प्रयासों से न केवल कश्मीरी पंडितों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है, बल्कि पूरे राज्य के लोगों में एकता का संदेश भी फैला है। भविष्य में, लाबरू जी का लक्ष्य है कि एएसपी को और मजबूत बनाकर मध्यम वर्ग के मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाए।

इंदर जी लाबरू का जीवन एक प्रेरणा है – सेवा, संघर्ष और निस्वार्थता का प्रतीक। जम्मू-कश्मीर के लोग उनके इस योगदान को हमेशा याद रखेंगे। उम्मीद है कि उनकी लड़ाई जल्द ही सफलता प्राप्त करेगी, और कश्मीरी पंडितों को उनका हक मिलेगा।